Meditation

Prayer is when you talk to God; Meditation is when you listen to God.

Tuesday, October 5, 2010

मंजिले अभी और भी है |

मंजिले अभी और भी है | रास्ते अभी और भी है | तेरे मेरे पड़ने इस दुनिया से वास्ते अभी और भी है | मंजिले अभी और भी है | रास्ते अभी और भी है || कस्ती हमेशा किनारे से लगे जरुरी तो नहीं | लहरों में छुपे हुए मुश्किलो के फ़साने अभी और भी है | मंजिले अभी और भी है | रास्ते अभी और भी है | तेरे मेरे पड़ने इस दुनिया से वास्ते अभी और भी है | क्यों उदास बेठा है तू | यादों में खोया रहता है तू | भूल के तो देख, ढूढ़ के तो देख | मुश्किलो में भी मिलेंगे हँसने के बहाने अभी और भी है | मंजिले अभी और भी है | रास्ते अभी और भी है || तेरे मेरे पड़ने इस दुनिया...

Tuesday, June 1, 2010

मंगल सुविचार

जो मेरे भाग्य में नहीं है, वो दुनियाकी कोई भी शक्ति , मुझे नहीं दे सकती और जो मेरे भाग्य में है | उसे दुनियाकी कोई भी शक्ति छीन नहीं सकती ईश्वरीय शक्ति असंभव को संभव बना सकती है | अतः कर्म ही "कामधेनु " एवम प्रार्थना ही "पारसमणी" है | ...

Friday, March 12, 2010

क्रोध (Anger)

१. क्रोध में मनुष्य की आँखे बंद हो जाती है | और जुबान खुल जाती है | २. क्रोध करने का मतलब है | दूसरो की गलतियो की सजा अपने को देना | ३.क्रोध में की गई सब बाते अंत में उल्टी पड़ जाती है | ४.क्रोध सदैब मूर्खता से शुरू होती है | तथा पशचाताप पर समाप्त होता है | ५.सुबह से शाम तक काम करके आदमी इतना नहीं थकता जितना क्रोध में एक घंटे में थक जाता है |६.मनुष्य क्रोध में समुद्र की तरह बहरा , आग की तरह उताबला हो जाता है | ७. क्रोध समझदारी को घर से बाहर निकाल देता है | और दरबाजे पर चटकनी लगा देता है | ८. क्रोध तो बरैया के छते में...

प्रेम (Love)

प्रेम त्याग भावना , कर्तब्य भावना से ही होना चाहिए |सौदर्य और वासना का प्रेम , प्रेम नहीं होता है |वह एक तरह का धोखा है | प्रेम आत्मा से किया जाता है |शारीर से नहीं क्योंकि शारीर नाशवान है |प्रेम कर्तव से किया जाता है | कामुकता से नहीं |प्रेम में किसी प्रकार का विकार नहीं होना चाहिए |प्रेम गंगा जल की तरह पवित्र होना चाहिए |प्रेम में निस्वार्थ सेवा भावना होनी चाहिए |प्रेम किसी से भी किया जा सकता है |यदि व्यक्ति में ये सभी विचार हो तभी वहएक प्रेम पुजारी कहा जा सकता है |और संसार स्वर्ग बन जायगा , और प्रत्येकजगह सन्ति , सदभावना, और संतोष हो जायगा...